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संगठन का परिचय

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तेजवीर सेना क्यों?

भारत में एक ऐसी बहादुर, स्वाभिमानी, कर्मठ और विश्वासपात्र कौम बसती है । जाट कौम - जाट सदियों से एक लोकतांत्रिक  और न्यायप्रिय कौम है । सही पर अड़े रहने का हौंसला रखता है तो गलत को बदल डालने की शक्ति भी । 48 डिग्री तापमान में धोरों की धरती को लहलहाने की क्षमता रखता है तो माइनस 20 डिग्री में दुश्मन के दांत खट्टे कर देने का सामाथ्य भी । भारत में लगभग 14 करोड़ जाट हैं जो हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा के झंडे गाड़कर भारतवर्ष का गौरव बढ़ा रहे हैं । 

इस कौम का इतिहास गौरवपूर्ण दस्तानों से भरा पड़ा है किंतु पूर्वाग्रहों से ग्रस्त इतिहासकारों ने जब इतिहास लिखा तो तत्कालीन सतासीन लोगों ने तथा इन सतासीन लोगों इर्दगिर्द मंडराने वाले चापलूस और खुसमदी लोगों ने इतिहासकारों की आंखों पर पट्टी बांध दी । आंखों पर लगी इस पट्टी के कारण तत्कालीन इतिहासकार देख नही सकते थे । पूर्वाग्रह ने उनकी बुद्धि को भी अफीम पिला दी । जो कुछ उन्हे सुनाई दिया वही वे लिखते चले गए । यह सब एक षड्यंत्र के तहत हुआ । जो कौम अपने इतिहास को नही जानती उस कौम का अस्तित्व मिट जाता है । इसलिए इस कौम के अस्तित्व को मिटा देने की साजिश के तहत यह सब हुआ ।

हमे गर्व है अपनी खाप पंचायतों पर,  हमे गर्व है अपने पारिवारिक और सामाजिक रितिरिवाजों पर, हमे अभिमान है सच्चाई, नेकी, ईमानदारी, न्याय और समानता के सिद्धांत पर चलने का । हमारी युवा पीढ़ी पर हमे गर्व है जो युवा और युवतियां नित नई उपलब्धियां अर्जित कर परिवार, समाज और वतन का नाम रोशन कर रहे हैं । हमे गर्व है अपनी अपनी मातृशक्ति पर जो कंधे से कंधा मिलाकर समाज को प्रगति के पथ पर लेकर चल रही हैं । पुरातन संकृति को जिंदा रखने के लिए हमे नाज है अपने वृद्धजनों पर जो निरंतर हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं । आजके इस बदलते हुए परिवेश में हमारा समाज कहीं न कहीं भटकाव के मार्ग पर न चल पड़े इस हेतु एक संगठन की जरूरत है जो हमारे युवाओं, मातृशक्ति एवम वृद्धजनों के पगतीपथ पर एक सयोगी की भूमिका निभा सके।

इन परिस्थितियों में हम समाज के उन कर्णधारों के ऋणी हैं जिन्होंने समाज की चिंता करते हुए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक अथवा जातीय संगठन बनाए और जाट समाज को आगे बढ़ाने के सद्प्रयासों में लगे रहे हैं । यह अलग बात है कि समय के साथ कुछ अतिमहत्वकांक्षी लोगों ने इस प्रकार के संगठनों पर एकाधिकार कर लिया और संगठन को राजनीतिक दलदल में धकेल दिया अतः जिस प्रोयजन के लिए संगठन बने उनमें संपूर्ण ऊर्जा नही लगने के कारण उक्त संगठन अपने मकसद में कामयाबी पाने से दूर रह गए। इसीलिए एक ऐसे संगठन की आवश्यकता महसूस हुई जो पूर्णतया गैर राजनीतिक रहते हुए युवाओं की संपूर्ण ऊर्जा का सकारात्मक सदुपयोग समाज को आगे बढ़ाने में कर सके । तेजवीर सेना ही वह संगठन होगा जो पूर्ण निष्ठा के साथ समर्पित भाव से अपने समाज की प्रगति में चौतरफा सहयोग करेगा। अपनी ऐतिहासिक विरासत को संजो सके । अपने समाज के महापुरुषों के आदर्शों पर चलकर उन्हे अमरत्व दे सके।


संगठन का परिचय


 राष्ट्रीय तेजवीर सेना एक सामाजिक संगठन है तथा इसकी स्थापना 2018 में हुई । इरादे नेक हों तो राहें अनेक मिल जाती हैं । शुरुवाती दौर में समाज के प्रबुद्धजनों के समक्ष यह नेक विचार रखा तो लोगों ने पूरे उत्साह के साथ इसका समर्थन करते हुए कहा कि आज इस प्रकार का सामाजिक संगठन होना निहायत जरूरी है । हमारा उत्साह प्रबल हुआ । एकला चले थे किंतु लोग जुड़ते गए और  कारवां बनता गया ।

शुरुवात सीकर जिले से ही की थी । जिला स्तर पर एक कार्यकारिणी बनाकर समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों को राजनीतिक और प्रशासनिक प्लेटफार्म पर ताकत के साथ उठाए तो लोगों का आकर्षण बढ़ा । समाज की अब्रुबका प्रश्न अथवा शहीदों के सम्मान का, युवाओं के रोजगार की समस्याओं अथवा समाज के किसी व्यक्ति के साथ अन्याय हो रहा हो, राष्ट्रीय तेजवीर सेना वहां पहुंचा है । पूरी प्रखरता के साथ अपनी आवाज को बुलंद किया है । जानलेवा वैश्विक महामारी कोरोना के रूप में आई तो जहां परिजन भी दूर हटने लगे वहां तेजवीर सेना के सेनानी बेखौफ डटे रहे । खून की कमी, ऑक्सीजन की कमी, रुपए पैसे की कमी अथवा तीमारदारी की कमी से समाज के एक भी व्यक्ति को नही मरने दिया। इसी दौरान आर्थिक रूप से कमज़ोर बच्चों की बेहतर शैक्षणीक व्यवस्था व खेलकूद हेतु अनेक भामाशाहों एवम संगठनों से आर्थिक सहयोग लेकर शिक्षार्थियों की सहायता की गई । सामाजिक धरोहर को सहेजना, अपनी संस्कृति और रितिरिवाजो को जिंदा रखना, अंधविश्वास और पाखंडों से दूर रहना और समाज में व्याप्त कुरीतियों का खात्मा करने संबंधित अनेक जागृति कार्यक्रम शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में रखे रखे गए जिनकी सर्वत्र प्रशंसा हुई । इसी कारण संगठन का विस्तार भी हुआ । परिणामस्वरूप संक्षिप्त से समय में ही संगठन का स्वरूप तहसील और गांव सत्र तक जा पहुंचा ।

तेजवीर सेना चाहती है कि अपने छोटे छोटे मतभेदों और मानभेदों को मिटाकर संपूर्ण समाज एक प्लेटफार्म पर आए जहां उसकी हर समस्या का समाधान हो, जहां अपने पूर्वजों के इतिहास की चर्चा हो, जहां अपने मूल्य और सिद्धांतो की बात मजबूती से हो, जहां समाज को सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध करने की योजनाएं बने । जहां आपसी मतभेदों का निपटारा हो, जहां अपने समाज के भाइयों में परस्पर प्रेम और आनंद की गंगा प्रवाहित हो।

 

तेजवीर सेना के उद्देश्य एवम किर्यांविती

1 जाट समाज का एकीकरण : अलग अलग विचारधाराओं, अलग अलग राजनीतिक सोच और अलग गोत्र और क्षेत्र के जाट अपने सामाजिक मसलों में एक जुट होकर काम करना

क) इस हेतु जाट महापूर्षों के विचारों से अवगत करवाना
ख) खेत और किसानी की बेहतरी के लिए संगठित रहने हेतु प्रेरित करना
ग) समाज में व्याप्त बुराइयों के निराकरण हेतु इन्वॉल्व करना
घ) सामाजिक सरोकार के कामों को गति देना
च) गैर राजनीतिक सोच के साथ जाट की उत्पति, सामाजिक विरासत, जाट की प्रकृति प्रदत्त ताकत और उसकी मूल प्रवृत्ति से अवगत करवाना तथा उसने निखर लाने की गतिविधियां करना
छ) आवश्यकता पड़ने पर हर वर्ग की अपनी सामर्थ्य के अनुरूप मदद करना
ज) धार्मिक अंधविश्वास, आडंबर, दिखावे, कुरुतियों से मुक्त करने हेतु विभिन्न karkram आयोजित करना

2  जाट समाज का सुद्दीड़ीकरण 
इसके अन्तर्गत निर्बल को सबल बनाना और सबल को सुजान

क) समाज के कमज़ोर परिवारों की पहचान
ख) जाट प्रतिभाओं की पहचान और उन्हें संबल देने के लिए काम करना । 
ग) शैक्षणिक /कोचिंग एक्टिविटी : जो प्रतिभाएं धनाभाव में शैक्षिक ऊंचाइयां नही छू पा रही हैं समाज के लोगों द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं/ कोचिंग संस्थाओं से संबंध स्थापित कर आवश्यक इमदाद उपलब्ध करवाना ।
घ) समाज की प्रतिभाओं का हर वर्ष सम्मान
च) अवश्यकतानुसार कैरियर काउंसलिंग, लर्निंग एक्टिविटीज, मोटिवेशनल सेमिनार्स हर स्तर पर आयोजित करना
छ) जाट समाज के महान लीडर्स के विचारों को आगे बढ़ाने के लिए गांवों, तहसीलों तथा जिलों में कार्यशालाओं का आयोजन।
ज) वीर तेजा जी महाराज और जाट समाज के महापुरुषों के बलिदान और सामाजिक योगदान को इतिहास के पाठ्यक्रम में जुड़वाने के लिए सफल प्रयास करना ।
झ)  जाट बाहुल्य जिलों में शिक्षण संस्था, यूनिवर्सिटी , सड़क, मार्केट और प्रमुख स्थानों के नाम जाट महापुरुषों के नाम रखवाने के प्रयास करना ।
ट) लोक देवता तेजा जी महाराज एवम जाट समाज के महापुरुषों की फोटो, पुस्तक अथवा यादगार घर घर तक पहुंचाना ।

3. समाज की चिकित्सीय और स्वास्थ्य सेवाओं में मदद करना
तन, मन और विचार से स्वस्थ और समृद्ध बनाना

क) राजस्थान सरकार ने कैश लेश चिकित्सा उपलब्ध करवाने की घोषणा की हुई है अतः अधिक से अधिक सरकारी चिकित्सालयों में इलाज की व्यवस्था को सुनिचित करना ।
ख) सरकार द्वारा घोषित चिरंजीवी योजना के तहत समाज के प्रत्येक परिवार का पंजीकरण सुनिश्चित करना
ग) व्यायाम, योग, सात्विक खानपान के माध्यम से स्वास्थ्य उत्तर बनाए रखने हेतु प्रेरित करना
घ) जाट समाज के चिकित्सकों को समाज के लोगों की मदद को आगे आने के तहत फीस माफी और दवाइयों में रियायत देने हेतु आग्रह करना ।

4. खेलकूद के प्रति रुचि बढ़ाना

ग्रामीण प्रतिभाओं को ओलंपिक्स तक में टक्कर देने योग्य बनाना

क) हर आधुनिक खेलों के लिए जागृति पैदा करना
ख) पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देना
ग)  हर गांव में स्पोर्ट्स क्लब बनाना
घ) खिलाड़ियों को सम्मानित करना
च) सीकर में महिला और पुरुष खेल एकेडमी खुलवाने का प्रयास करना ।

5. रोजगार संबंधित
शिक्षित (एकेडमिक और तकनीति शिक्षा) युवाओं की ऊर्जा को सकारात्मक मार्ग में लगाकर सफल गृहस्थ जीवन जीने योग्य बनाना

क) गांवों में पैदा होने वाले उत्पादों पर आधारित उद्योगों की स्थापना करवाने हेतु विभिन्न सरकारी स्कीम्स, ऋण और अनुदान आदि स्वीकृत करवाने में मदद करना
ख) ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने में सहयोग करना
ग)  आधुनिक और कैश क्रॉप पैदा करने के लिए प्रेरित करना
घ)  कम पानी से अधिक उत्पादन लेने हेतु आधुनिक सिंचाई साधनों के उपयोग हेतु प्रेरित करना ।
च)  स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रमों में विभिन्न स्किल्स को एन्हांस करके युवाओं को स्वरोजगार इकाइयां स्थापित करने में मदद करना
छ) समाज के उत्साही युवकों को उनकी योग्यता के अनुरूप विभिन्न उत्पादों की मार्केटिंग के लिए तैयार करना

6. सामाजिक उत्थान
विकार रहित, सृजनात्मक सोच के साथ उत्कृष्ट नागरिक बनाना

क) इस हेतु जाट समाज के लिए गैर राजनीतिक कार्यक्रम निर्धारण करना एवम कार्यक्रम करवाना ।
ख) समाज के रिश्तों की वेव साइट शुरू करना और सामूहिक विवाह की शुरुवात करना
ग) फिजूल खर्ची और अनावश्यक सामाजिक रितिरिवाजों के विरुद्ध जागृति पैदा करना
घ) सामाजिक बुराई ईर्ष्या, झगड़े, नशपते आदि से दूर रहकर आपसी सामाजिक भाईचारे को बढ़ावा देने हेतु प्रेरित करना
च) जाट आरक्षण के साथ हो रही सरकारी धांधली हेतु जागृति पीड़ा करना और जाट हितों की रक्षा करने में अग्रणीय भूमिका निभाना
छ) अन्य समाजों के साथ भाई चारा और आपसी सौहार्द बनाना।

7. आर्थिक उत्थान

क) शिक्षित और उत्साही युवाओं को कृषि उत्पादों की ग्रेडिंग पैकिंग एवम मार्केटिंग के लिए प्रशिक्षित करना । विभिन्न उत्पाद तैयार तैयार करना ।
ख) दुग्ध उत्पादन(डेयरी व्यवसाय) को बढ़ावा देने के लिए सक्षम ग्रहणी अथवा लक्ष्यबद्ध काम करने वाले युवाओं को ऋण एवम प्रशिक्षण दिलवाना तथा अनुदान आदि का लाभ दिलवाना
ग) चिलिंग प्लांट लगवाना
घ) वेयरहाउस और कोल्ड स्टोरेज के लिए ऋण और अनुदान की व्यवस्था करना
च) नाभार्ड द्वारा संचालित स्कीम्स का लाभ दिलवाना
छ) फ्रूट बगीचे, ग्रीन हाउस पॉली हाउस आदि के लिए ऋण अनुदान मार्केटिंग सुविधा उपलब्ध करवाना
ज) मच्छीपालन, मुर्गी पालन, मशरूम, टिश्यू कल्चर आदि नवीन पद्धतियों में प्रशिक्षित करना व यूनिट स्थापित करवाकर से का श्रोत बढ़ाना

8. राजनीतिक उत्थान
क) किसान वर्ग में अपने हितों के प्रति जागरूकता
ख) गरीब और कमज़ोर तबके के दरमियानी फासले को कम करना
ग) राजनीति में धर्मांधता और पाखंडवाद के विरुद्ध जागृति लाना
घ) संविधान के प्रति लोगों की आस्था और विश्वास को मजबूत करना

 

तेजवीर सेना संगठन की कार्यप्रणाली

राष्ट्रीय तेजवीर सेना अपने उद्धश्यों की पूर्ति हेतु संगठन विधान एवम नियमावली में उल्लेखित निम्न प्रकार कार्यकारिणी गठित करेगी :-
1. राष्ट्रीय कार्यकारिणी
2. राज्य कार्यकारिणी
3. संभागीय कार्यकारिणी
4. जिला कार्यकारिणी
5. तहसील/विधानसभा क्षेत्रवार कार्यकारिणी
6. ब्लॉक कार्यकारिणी
7. ग्राम इकाई कार्यकारिणी 

इसके अतिरिक्त प्रत्येक स्तर पर एक बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ होगा जो स्तरीय कार्यकारिणी का मार्गदर्शन करेंगे तथा संगठन के उद्धश्यो की पूर्ति में सहयोग प्रदान करेंगे ।